हर स्कूल का प्रशासन अपने विद्यार्थियों के 10वी वोर्ड में अच्छे मार्क्स के लिए सब प्रयास करता है जिससे स्कूल का नाम हो,उसके विद्यार्थियों का मनोबल बढ़े।
लेकिन यहाँ प्रशासन पर टीचरस हावी है। टीचर अपने कोचीन में पढने वाले विद्यार्थियों को ही सिर्फ Aग्रेड दिला रहे, बाकि अन्य विद्यार्थियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया और उन्हे Cग्रेड देकर नीचा दिखा रहे। आज हम स्कूल प्रशासन के नाकामी से दुखी है ।सरकारी स्कूल जैसा भगवान भरोसे विद्यार्थी है।
10वीं वोर्ड की परीक्षा नहीं हुई, सिर्फ टीचर द्वारा भेजे गए अंकों के आधार पर रिजल्ट आया है ।यहां टीचरों ने जमकर भेदभाव किया है, जिस कारण कई तेज विद्यार्थियों को Cग्रेड दे दिया गया, क्यों कि वे उनके कोचीन में नहीं पढते थे, कई कमजोर विद्यार्थियों को Aग्रेड दिलाया ,क्यों कि वे उनके कोचीन में थे।प्रशासन सब कुछ मुक दर्शक बन कर देख रही ।
मेरे बच्चे को भी Cग्रेड इनके भेजें गए अंकों के आधार पर दिया गया है,हम बहुत दुखी है ।कभी भी 75% से कम नहीं लाया, नवी क्लास में भी बीमार होने के बावजूद 77%मार्क्स मिला था और वोर्ड में और अच्छा करने के लिए कड़ी मेहनत भी किया था,लेकिन इस स्कूल के गलती से सब खत्म हो गया ।गुहार लगाने पर
स्कूल ने साफ मना कर दिया, कह दिया हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं, आप कोर्ट में जा सकतें हैं ।
आज बहुत अफसोस हो रहा है कि कोर्ट जाने के लिए इस स्कूल में 7वीं क्लास से इस स्कूल में पढ़ा रहे थे ।सब पैसा बर्बाद हो गया
DIVESH KUMAR
हर स्कूल का प्रशासन अपने विद्यार्थियों के 10वी वोर्ड में अच्छे मार्क्स के लिए सब प्रयास करता है जिससे स्कूल का नाम हो,उसके विद्यार्थियों का मनोबल बढ़े।
लेकिन यहाँ प्रशासन पर टीचरस हावी है। टीचर अपने कोचीन में पढने वाले विद्यार्थियों को ही सिर्फ Aग्रेड दिला रहे, बाकि अन्य विद्यार्थियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया और उन्हे Cग्रेड देकर नीचा दिखा रहे। आज हम स्कूल प्रशासन के नाकामी से दुखी है ।सरकारी स्कूल जैसा भगवान भरोसे विद्यार्थी है।
10वीं वोर्ड की परीक्षा नहीं हुई, सिर्फ टीचर द्वारा भेजे गए अंकों के आधार पर रिजल्ट आया है ।यहां टीचरों ने जमकर भेदभाव किया है, जिस कारण कई तेज विद्यार्थियों को Cग्रेड दे दिया गया, क्यों कि वे उनके कोचीन में नहीं पढते थे, कई कमजोर विद्यार्थियों को Aग्रेड दिलाया ,क्यों कि वे उनके कोचीन में थे।प्रशासन सब कुछ मुक दर्शक बन कर देख रही ।
मेरे बच्चे को भी Cग्रेड इनके भेजें गए अंकों के आधार पर दिया गया है,हम बहुत दुखी है ।कभी भी 75% से कम नहीं लाया, नवी क्लास में भी बीमार होने के बावजूद 77%मार्क्स मिला था और वोर्ड में और अच्छा करने के लिए कड़ी मेहनत भी किया था,लेकिन इस स्कूल के गलती से सब खत्म हो गया ।गुहार लगाने पर
स्कूल ने साफ मना कर दिया, कह दिया हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं, आप कोर्ट में जा सकतें हैं ।
आज बहुत अफसोस हो रहा है कि कोर्ट जाने के लिए इस स्कूल में 7वीं क्लास से इस स्कूल में पढ़ा रहे थे ।सब पैसा बर्बाद हो गया